एहसास
Love Poetry |
कभी कभी सोचता हूँ मै..
कौन हो तुम मेरे..?
क्यों दिल के इतने पास हो..?
मलाई घेवर की मिठास हो तुम..
कभी ना बूझे..वो प्यास हो तुम..
यूँही मुस्कुरा दू जिसे सोचकर..
वो खूबसूरत एहसास हो तुम..
हाँ कुछ खास हो तुम..इसलिए मेरे दिल के पास हो तुम !
जीवन के तपते ग्रीष्म मे..
शीतल सावन मास हो तुम !
इस प्यासे रेगिस्तान मे..
मृगजल सा आभास हो तुम !
हाँ कुछ खास हो तुम..इसलिए मेरे दिल के पास हो तुम !
तुम निर्मल, तुम चंचल..
बेफिकर बिंदास हो तुम ..
मेरे इस्टाईल मे बोलू तो..
फर्स्ट क्लास, एकदम झक्कास हो तुम!
हाँ कुछ खास हो तुम..हाँ मेरे दिल के पास हो तुम !
-- तुषार
Very nice
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